भारत में करोडो लोग ऐसे है जो मुश्किल से अपने परिवार की परवरिश कर पाते है. सरकार कहती है बाल मजदूरी गुनाह है, अच्छी बात है. लेकिन बाल मजदूरी क्यों करते है इसको जानना सरकार अपना कर्तव्य नहीं मानती. बाल मजदूरी करेगा तो खायेगा वरना ज़िंदा कैसे रह पायेगा यह एक बालक समझ सकता है लेकिन हमारी सरकारे कब समझेंगी. वैसे तो कई सुविधाए है जो सरकार ने लागू की हुई है. लेकिन वह सुविधाए बर्फ का गोला होती है.
मुख्य सचिवालय से बर्फ का गोला ऍम आदमी तक पहुँचने में पिघल कर सिर्फ गिला हाथ ही रह जाता है. और मीडिया चीख चीख कर कहती है की सरकार ने फलां योजना लागू की है.... अगर ऐसा नहीं होता तो यह बालक भी किसी ना किसी योजना का लाभ ले रहा होता ना की सोशल मीडिया पर हख हलाल की कमाई के लिए गुहार नहीं लगाता.
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इस राज वर्मा नाम के लड़के को काम पर लगाने की जिम्मेदारी एक रितिका खरे नामक युवती ने ली है. हम चाहते है की इन्हें सरकार की ओर से कोई मदद मिले जिससे यह लड़का अपना और अपने परिवार की परवरिश कर सके.
सलाम करते है हम रितिका खरे जैसी महिलाओं को....