Type Here to Get Search Results !

Click

नासिर की गिरफ्तारी और समाज के मुह पर ताले

एक सनसनी खेज खबर को बार बार ब्रेकिंग  न्यूज़ बना  कर दिखाया जा रहा था.बेलगाम शहर के लिए वैसे तो यह बड़ी खबर ही थी.गुजरात एटीएस ने बेलगाम में कार्रवाई करते हुए शहर के भडकल गल्ली में रिहाइश पज़ीर ऑटो ड्राइवर जनाब नासिर अब्दुल मजीद रंगरेज़ को अहमदाबाद धमाकों का मुजरिम करार देते हुए गिरफ्तार किया गया था.खबर को नेशनल न्यूज़ चैंनेल्स पर भी बड़ा चढ़ा कर दिखाया गया.खबरों में मिर्च मसाला लगा कर पेश किया गया.के नासिर २००८ के बम धमाकों में शरीक था.नासिर रंगरेज़ भगोड़ा था.वगैरा....फिर क्या था बेलगाम शहर की अवाम बड़े मज़े से इसका तजकरा करते पायी गयी.हर जगह पर यह मौजू ज़ेरे गुफ्तगू रहा.खास कर मुस्लिम मआशरे के अक्सर ओ बेश्तर लोगों ने अदालत से पहले फैसला देना शुरू किया.कुछ तो किया होगा तभी पकड़ कर ले गए है..?और यही ज़हनियत आम होती जा रही है.हम यह बिलकुल नहीं कहते के जो मुजरिम है उसे छोड़ दिया जाय या बक्श दिया जाय.बल्कि हम तो यही कहते है और किसी की भी दो राय होने की गुंजाइश नहीं के गुनाहगार को सजा ज़रूर मिले...मगर इसका ख्याल ज़रूर रहे के बेगुनाह कही पर भी मुतास्सिर ना हो.नासिर रंगरेज़ की गिरफ्तारी पर कहीं सवाल इसी तरह से उठ जाते है.मगर अफ़सोस दर अफ़सोस के सवाल को उठाएगा कौन..?मुस्लिम मआशरा या तो बेहिसी का शिकार है या तो खौफ ओ डर के साये में है .अगर मैं कुछ कहूं तो कहीं मुझे ना गिरफ्तार किया जाय..?गुजरात एटीएस बेलगाम आती है.दो दिन तक यहां कयाम करती है.बिच रास्ते से उठा कर इनोवा में डाल दिया जाता है.कुछ ऑटो ड्राइवर जो गैरत मंद थे.उन्होंने पुलिस ठाणे में जा कर भी पूछा के आखिर एक गरीब ऑटो ड्राइवर को क्यों उठाकर गिरफ्तार किया गया...लेकिन जवाब ऐसा दिया के ऑटो ड्राइवर और टैक्सी ड्राइवर वापिस लौट गए..अगर इसकी जगह पर किसी जमात के ज़िम्मेदार अफरदों की टीम वहाँ पहुँचती तो शायद मामला कुछ और होता.यकीनन ये मुस्लिम मआशरे का अफ़सोस नाक पहलु है के किसी भी नौजवान को गिरफ्तार किया जाय..किसी को भी पुलिस पकड़ कर ले जाय सारा मआशरा खामोश तमाशाई बन कर देखता रहता है.बजाय आगे बढ़ कर कुछ पूछने के दूसरों के हौसलों को भी पस्त करते रहते है अरे आगे मत बढ़ो ..आतंकवादी केस है.ख्वामख्वाह फास जाओगे....तुम्हे क्या ज़रूरत है....अरे कुछ तो किया होगा....पुलिस क्या ख्वामख्वाह पकड़ती है...जैसे सेंकडो सवाल कौम के बेहिस लोगो के पास तैयार रहते है.


अब थोड़ा नासिर रंगरेज़ की तरफ तवज्जोह देते है.आखिर कौन है नासिर रंगरेज़..!नासिर रंगरेज़ का घर वैसे तो बेलगाम के  कैंप इलाके में है.वालिद साब अब्दुल माजिद रंगरेज़ ऑटो चलाते थे.घर में और भी चार भाई है जिनसे किसी मामले में इख़्तेलाफ़ हुआ.और नासिर  घर से अलग हुआ.नासिर शादीशुदा है और दो लडकियां है.पहले चाय की पत्ती बेचने का कारोबार करता था फिर ऑटो ड्राइवर बन कर अपने घर का गुज़ारा करता रहता है.अब छोटे होटलों को चपाती बेचने का कारोबार इसी ऑटो के ज़रिये कर रहा था..किसी तरह से अपने छोटेसे फॅमिली में गुज़र बसर करते था.२००८ में सिमी के मुकद्दमे में मुस्लिम समाज के ११ नौजवानों को पकड़ लिया गया.और इलज़ाम लगाया के लोकसभा इंतेख़ाबात में तिलकवडि हिन्दू इलाकों में बम धमाकों की साज़िश कर रहे थे.ग्यारह नौजवानों को तरह तरह की अजियतों से गुज़ारा गया.यहां तक के नार्को,बेन मैपिंग तक टेस्ट करवाए गए.आप को ये सुनकर हैरानी होगी के पुलिस ने जो बम बनाने के दस्तावेज ,चीज़ों को बरामद किये इन्हे खुद सेशन जज्ज बालकृष्ण ने भरी अदालत में सरकारी वकील और पुलिस अफसरों  को ये कहते हुए लथाड़ा के जिस टूक की डीज़ल टंकी को आप ने बम की शकल देने का दावा किया है इसे आप पुलिसवाले ही बम बना  कर ला कर दिखाए.  तमाम कोर्ट इस वक़्त खामोश हो गयी थी.बहरहाल ग्यारह नौजवानों को साढ़े तिन साल बाद रिहा किया गया था.जिसमे से एक नासिर रंगरेज़ भी था.और इसी का फायदा गुजरात एटीएस ने उठाया.नासिर नाम के अहमदाबाद धमाकों में अबस्कॉंडिंग शख्स के नाम की जगह पुर करने के लिए नासिर रंगरेज को उठाया गया और तमाम मआशरा ऐसे खामोश था जैसे कुछ हुआ ही नहीं.
बेगुनाहों की हिमायत में आगे बढे......


हमारे मआशरे को चाहिए के बेगुनाहों  की हिमायत में आगे बढ़ कर मदद के लिए आ जाए.किसी और की गिरफ्तारी से मेरा क्या ताल्लुक कहनेवाले अब हर घर में नज़र आ रहे है.मुफ्त के मश्वरे देनेवालों की तायदाद करोड़ों में है.उम्मत ए मुस्लिमा ऐश परस्त,माद्दा परस्ती की नज़र होती जा रही है.जमात के ज़िम्मेदार बड़े ओहदेदारान महदूद दायरों तक सिमटते जा रहे है.पुलिस मुकद्दमे जेल का डर उम्मत के अंदर इन्तहा तक पहुंच चूका है.जेलों में आज भी सेंकडो मुस्लिम नौजवान बेवजह कैद है तो इसके कही न कही ज़िम्मेदार हमारा मआशरा  है.जब मेरा बेटा भाई गिरफ्तार होता है तो हम भाग दौड़ करते है लेकिन किसी और को पकड़ लिया जाता है तो हमारा नज़रिया बदल जाता है.
--------------------------------------------------------------------------
नासिर रंगरेज़ बेगुनाह--गुजरात एटीएस 
बेलगाम शहर से गिरफ्तार कर अहमदाबाद अदालत में पेश करने के बाद नासिर अब्दुल मजीद रंगरेज़ की तहक़ीक़ के लिए आठ दिन की पुलिस कस्टडी ली गयी.गुजरात एटीएस ने नासिर रंगरेज़ के खिलाफ कोई भी सबूत ना होने की बात कही है.गुजरात दहशतगर्द विरोधी दस्ते ने २० जून को बेलगाम से अहमदाबाद धमाकों  का अहम मुजरिम बताते हुए गिरफ्तार तो किया लेकिन तहक़ीक़ में कुछ हाथ न लगा तो अहमदाबाद अदालत  में एटीएस आला अफसरों ने इस बात को कबूल लिया के नासिर रंगरेज़ के खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं है.इस खबर को अंग्रेजी  अख़बार ने शाया किया है २००८ के अहमदाबाद धमाकों के बाद २००९ में कई लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट को जारी किया गया जिसमे तक़रीबन ९ नाम शामिल थे एटीएस को  उस वक्त नासिर का भी नाम होने का शक था.और उन्होंने नासिर रंगरेज़ बेलगाम में होने की इत्तेला हासिल की.जिसको गिरफ्तार कर अहमदाबाद ले जाया गया अब अदालत में एटीएस ने इस बात को कबूल किया के नासिर रंगरेज़ के खिलाफ कोई सबूत नहीं है.इसके बाद ये भी कहा जा रहा है के गुजरात एटीएस की कार्रवाई भी शक के दायरे  में आ रही है.नासिर रंगरेज़ की रिहाई के रास्ते खुल-----
इक़बाल अहमद जकाती
लेखक, पत्रकार  संपादक-पैगाम ए इत्तेहाद हिंदी साप्ताहिक बेलगाम 

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies