योगी आदित्यनाथ, साध्वी प्राची, शिवसेना के आवाज में आवाज मिलाते हुए कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ने इस्लामिक विद्वान डॉक्टर जाकिर के जांच की मांग की है, बावजूद इसके के महाराष्ट्र खुफिया एजंसी द्वारा क्लीन चिट दी गयी. और बांग्लादेश के अखबार ने जाकिर नाईक विरोधी कोई खबर नहीं छापी इसका खुलासा करते हुए नाईक से माफ़ी भी मांगी एवं बांग्लादेश सरकार ने अभीतक जाकिर नाईक के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा. लेकिन तमाम हिन्दुत्ववादी मुस्लिम विरोधियो के आवाज में आवाज मिलाते हुए स्वघोषित मुस्लिम हित चिंतक नांदेड के सांसद अशोक चव्हाण ने जाकिर नाईक के जांच की मांग की है. इस मांग की वजह से सोशल मीडिया पर अशोक चव्हाण के खिलाफ बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस में अपनी जिंदगियां लगाने वालो से सोशल मीडिया पर सवाल पूछे जा रहे है की भारत सरकार, भारतीय खुफिया एजंसी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने पर भी अशोक चव्हाण की मांग कहांतक सही है और मुस्लिम लीडरो की इसपर क्या सोच है ? और अब वह संघी मानसिकता वालो के खिलाफ आवाज उठाएंगे ? कई बुद्धिजीवियों ने अशोक चव्हाण को संघ का प्रचारक होने का इल्जाम भी लगाया है.
कांग्रेस बीजेपी एक ही शारीर की दो भुजाये, एक कमुनल एक और कांग्रेस आरएसएस की अम्मा है – वामन मेश्राम (राष्ट्रीय अध्यक्ष, बामसेफ)
भारत मुक्ति मोर्चा एवं बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वामन मेश्राम इन्होने कई बड़े बड़े कार्यक्रमों तथा अधिवेशनो में इस बात को साबित किया के कान्ग्रे और बीजेबी एक ही शारीर की दो भुजाये है. और उन्होंने इस बात का भी खुलासा किया के सबसे ज्यादा मुसलमानों के लिए कांग्रेस से ही ख़तरा है क्यूंकि कांग्रेस के राज में ही मुसलमानों के खिलाफ सबसे ज्यादा दंगे कराये गए. लाखो मुसलमानों का कत्लेआम किया गया और इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के शासन काल में 52 हजार बेगुनाह मुस्लिमो को जेलों में ठुंसा गया इसके साथ ही बाबरी मस्जिद का पतन भी कांग्रेस के शासन काल में ही किया गया. कांग्रेस की छुपी मानसिकता को अशोक चव्हाण ने खुला कर दिया है. अब मुसलमानो को यह समझने में दिक्कत नहीं रहेगी की, कांग्रेस छुपा हुआ दुश्मन और बीजेपी खुला दुश्मन.
गौरतलब है की, कुछ विद्वानों की माने तो अशोक चव्हाण द्वारा दिया गया बयान मुसलमानों को दूर करने के लिए नहीं बल्कि हिन्दुत्ववादियो को करीब करने का फार्मूला है. देश में कांग्रेस की सत्ता ख़त्म हो चुकी है लेकिन नांदेड में कांग्रेस की सत्ता बरकरार है. आगे नांदेड की सत्ता को ख़तरा ना हो इसलिए यह बयान देकर बहुसंख्यांक मुस्लिम विरोधियो को करीब करने की चाल है.
अशोक चव्हाण का संघी चेहरा आया सामने, खुफिया एजंसी के क्लीन चिट के बावजूद इस्लाम के विश्व प्रसिद्द प्रचारक डॉक्टर जाकिर नाईक के जांच की मांग की है. अब सवाल यह उठाता है की, क्या कांग्रेस के मुस्लिम लीडर जनहित में आदर्श घोटाले की मांग करेंगे ? या बेगुनाहों को फंसाने के लिए अशोक चव्हाण की मदत करेंगे ? या मुसलमानों को यूँही बेवकूफ बनाकर अपना आदर्श सिखायेंगे ?
-जावेद हाशमी, सामाजिक कार्यकर्ता, नांदेड
Ubaid Ba-Hussain
अशोक चव्हाण ने जाकीर नाईक के भाषण की जांच करणे की मांग की है. चौंक गये किया आप ये सुन कर - जी ये सच है, मैं हमेशा कहता हूँ ये चड्डी वाले हर जगह हैं अब आप इस फोटो में ही देख लीजिए - गौर से देखिये कहीं आप गलत न समझ जाएँ ....!
Mohammad
Quasim with अली सोहराब and 21 others.
#आदर्ष की चुप्पी टुटी भी तो कहां बोले जांच होनी चाहीये झाकेर नाईक की
अब खौम के डेलीगेशन ले जाने वाले वो लिडरस या समर्थन देने वाले intellectual ...(चाहे वो कोई जमात हो या intellectuals का कोई गरोह) अब क्या डेलीगेशन ले जायेंगे ???
मुझे तो कोई उम्मीद नही है फिर भी देखते हैं congressi वफादारों मे कितना है दम
(सोशल मीडिया पर आधारित)