ढाका में हुए आतंकी हमले के आतंकवादी डॉक्टर जाकिर नाईक से प्रभावित थे और नाईक आतंकवाद को बढ़ावा देते है ऐसा आरोप बिकाऊ मीडिया द्वारा डॉक्टर जाकिर नाईक पर गढ़ा जा रहा है. विश्व जानता है डॉक्टर जाकिर नाईक सिर्फ धार्मिक प्रचारक है जिन्होंने ऐसे कोई बयान नहीं दिया और कोई भी इस्लाम को मानने वाला आतंकवाद का समर्थन नहीं करता यह तो बस मनुवादियों की चाल है यह बाते मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी दामत बरकातहुम अच्छी तरह जानते है. और यह साजिश क्यों और किसलिए की जा रही है यह भी जानते है. मुसलमानों को खिलाफ होने वाली साजिसे मौलाना से छुपी नहीं है. और कई तकरीरो में मौलाना ने इन साजिशो से पर्दा भी उठाया है. लेकिन डॉक्टर जाकिर नाईक के खिलाफ हो रही साजिश के बारे में अबतक मौलाना नोमानी साहब की और से या उनकी मित्र संगठन की और से कोई बयान नहीं आना यह मुसलमानों सवालिया निशाँ बना हुआ है. मौलाना नोमानी साहब कुछ ऐसे नेशनल संगठनो से जुड़े है जो मजलूमों का साथ देने का दावा करते है.
आज के तारीख में फिलहाल डॉक्टर जाकिर नाईक को सभी मुसलमानों के साथ और सहयोग की जरुरत है. और उनकी भी जो मुसलमानों को अपना भाई मानते है. डॉक्टर जाकिर नाईक कोई ब्राम्हण नहीं है. और ना ही आरएसएस जैसे संगठनो रे उनका कोई रिश्ता या संभंध भी नहीं है. तब हर फिरके के उलेमाओं ने उनका साथ देना जरुरी माना जा रहा है. कुछ फिरके है जो आरएसएस को साथ और सहयोग कर रहे है. उनको छोड़कर बाकी सभी उलेमाओं ने डॉक्टर जाकिर नाईक के समर्थन में खडा होने की चर्चा हर तरफ हो रही है. और सोशल मीडिया पर तो हर कोई जाकिर नाईक के साथ खडा होने की मांग कर रहा है. यहांतक की लाखो गैरमुस्लिम भी डॉक्टर जाकिर नाईक के समर्थन में खड़े हुए दिखाई दे रहे है.
हो सकता है कई बड़ी हस्तिया डॉक्टर जाकिर नाईक के सपोर्ट और उनकी लढाई लड़ने के लिए कोई आयोजन कर रही हो. लेकिन इसकी घोषणा करना भी जरुरी है. चूँकि मौलाना को मानाने वालो की संख्या भी लाखो में है. ज्यादा भी हो सकती है. फिर मौलाना सज्जाद नोमानी दामत बरकाताहम को मानने वाले एक उलझन में दिखाई दे रहे है. और मौलाना के बयान के इन्तेजार में है. दैनिक सोशल डायरी की और से कई उलेमाओं से संपर्क किया गया तब यह बात सामने आई के सभी बयान के इन्तेजार में है. और आम लोगो से गुहार लगाई जा रही है की मौलाना नोमानी साहब अपने बहुजन मित्र संगठन को साथ लेकर जाकिर नाईक के समर्थन में राष्ट्रीय लेवल पर खडा होना चाहिए ठीक वैसेही जैसे मजलूम बेगुनाह रोहित वेमुला के साथ खड़े हुए थे.....
- संपादक