सोशल डायरी ब्लॉग पर हमने दि. 06 जुलाई को एक सर्वे की खबर प्रकाशित की थी जिसपर हजारो लोगो ने अपनी प्रतिक्रया दर्ज कराई और लाखो लेगो ने लाइक कर अपने समर्थन का इजहार किया. फेसबुक पर शेयर किये गए लिंक को करीब 2000 से ज्यादा लोगो ने शेयर किया और लाखो लोगो ने पोस्ट को रिच किया. ब्लॉग पर भी कई लोगो ने अपनी प्रतिक्रया दर्ज कराई..... कुल प्रतिक्रियाओं में सिर्फ 00.01 प्रतिशत लोगो ने अपना विरोध जताया है. और शतप्रतिशत लोगो ने अपना सपोर्ट जाहिर किया है. सोशल मीडिया पर फिलहाल जाकिर नाईक चर्चा का विषय बने हुए है. सोशल मीडिया जैसे ऑनलाइन पोर्टल, ब्लॉग, फेसबुक, ट्विटर पर लाखो लोगो का मानना है की, इस चर्चा में लोग डॉक्टर जाकिर नाईक के बयानों की सीडिया खरीद कर सुन रहे है. और बताया जा रहा है की, हजारो लोग इस्लाम कुबूल करने की संभावना जताई जा रही है.
क्यूंकि जब भी कभी दोव्टर जाकिर नाईक का प्रोग्राम होता है उस वक्त पांच दस लोग इस्लाम कुबूल करते ही है. एक भी ऐसा प्रोग्राम नहीं हुआ जहां गैरमुस्लिमो ने इस्लाम कुबूल नहीं किया हो. कई हिन्दू लोगो ने भी जाकिर नाईक को सच्चा प्रचारक कहा और उनसे प्रेरित होकर आतंकवादी हमला किये जाने की मीडिया द्वारा चर्चा को षडयंत्र बताया. और साथ ही कई लीडरो ने भी जाकिर नाईक का समर्थन किया है. सिवाए उनके जो आरएसएस से जुड़े है. अब तमाम लोग एनआईए द्वारा की जा रही जांच की रिपोर्ट के इन्तेजार में है. और सभी का मानना है की जांच अगर निपक्ष होती है तो जाकिर नाईक बेगुनाह पाए जायेंगे और ऐसी भी चर्चा हो राक्ही है की, सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर हो रहे जाकिर नाईक के विडियो से लोगो को इस्लाम के सच्चाई और अमन का मजहब होने पर यकीं बढ़ता ही जा रहा है. आपको बता दे की डॉक्टर जाकिर नाईक विभिन्न धर्मो के ग्रंथो के हवाले के बिना कोई एक शब्द भी नहीं कहते है. औए उन्होंने अपने भाषणों में किसी भी धर्म का गलत प्रचार नहीं किया है और ना ही किसी धर्म को बुरा कहा है. उनका मानना है की सभी धर्मो में जो भी अच्छाईया पाई जाती है उसे इंसानों ने अपनाना चाहिए.
सोशल मीडिया पर उपरोक्त तस्वीर भी लाखो के तादाद में शेयर की जा रही है और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लोग अपनी डीपी उपरोक्त तस्वीर से बदल रहे है. और कई मुस्लिम और गैरमुस्लिम लोग भी अपनी डीपी पर उपरोक्त फोटो का इस्तेमाल कर रहे है. कई बुद्धिजीवियों द्वारा कांग्रेस पर निशाँ साधा जा रहा है. बताया जा रहा है की, कांग्रेस ने जाकिर नाईक के बयानों पर अघोषित पाबंदी लगाई थी. और हिन्दुत्ववादी संगठनो द्वारा विरोध करना यह जाकिर नाईक के बयानों का प्रचार और प्रसार करने से कम नहीं है, और ऐसे में इस्लाम शान्ति कामाज्हब है यह बात उन लोगो तक भी पहुँच जायेगी जिन लोगो को गलत फहेमी है की, और जो लोग इस्लाम को नहीं जानते उन लोगो के लिए इस्लाम को जानने का एक सुनहरा मौक़ा है. ऐसी चर्चा सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही है.
निचे कुछ लोगो की प्रतिक्रया जो इस तरह है.
एक मैसेज:
बांग्लादेश के ढाका में हुए आतंकी हमले में शामिल एक आतंकी का जाकिर नाईक को जानना कोई बड़ी बात नही, क्योंकि पूरी दुनियाँ का तक़रीबन 90% मुस्लिम आबादी जाकिर नाईक को जानती है, मुस्लिम ही क्यों करोड़ों-अरबों गैर मुस्लिम भी जाकिर नाईक को जानते है, उनकी स्पीच सुनते है, उनके वीडियो देखते है...
कुछ बातों को लेकर मेरा खुद का जाकिर नाईक से मतभेद है लेकिन मुझे ये कहने में कोई गुरेज नही कि जो इल्म आज #जाकिर_नाईक के पास है उसका 10% इल्म इस दुनियाँ के किसी एक इंसान के पास शायद नही है... इस्लाम के साथ दुनिया के अधिकतर मज़ाहिब की जानकारी वो भी दलील के साथ याद रखना कोई मामूली बात नहीं, यकीनन #नाईक कोई आम इंसान तो नही है...!!
#WeStandWithZakirNaik
नाईक के खिलाफ विरोध की छिड़ी जंग की तरफ इशारा करती हुई
अब तो फुल प्रूफ रिपोर्ट भी आ गयी है कि जॉर्ज बुश, बिल क्लिंटन , टोनी ब्लेयर आदि दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी है और ये अब माफी मांग कर सिद्ध भी कर दिए।
तो चलिए इनके विरुद्ध कौन कौन जंग छेड रहा है ।
देश का शासक वर्ग जानता है कि अगर मुस्लिमो को उनके बुनियादी अधिकारो से दूर रखना है तो उनके बीच हमेशा एक ना एक मजहबी मुद्दा बनाये रखो।
पहले मजहब का मुद्दा बनाये जाने पर शासक वर्ग को गाली देंगे बाद मे मसलक के नाम पर एक दूसरे की मां बहन करने मे बिजी रहेंगे.......