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सता परिवर्तन के लिए समय या किसी इन्तेजार की जरुरत नहीं होती सिर्फ नेतृत्व ऐसा चाहिए जो लोगो के दिलो पर राज करे. और जनता के दिलो पर राज करना कोई मामूली बात नहीं. इस बात को तुर्की की जनता ने साबित कर दिया. इस सत्ता परिवर्तन के लिए किसीने किसीको पैसा दिया ना किसीने मांग की, जनता को लगा की हम मुसीबत में है. बस सिर्फ (राष्ट्रपति) नेतृत्व के आदेश का इन्तेजार था. जैसे ही नेतृत्व ने आदेश दिया सेना के टेंकर, आधुनिक हथियार मामूली चीजे हो गयी जनता के गुस्से के आगे और इस तरह हर तरफ जन्ष्ण मनाया गया, और शुरू हुई बागियों को फांसी देने की तयारी
फिलिस्तीन के गाजा और लेबनान के लोगो ने तुर्की में सैनिक बगावत के नाकाम होने पर ख़ुशी मनाई है गाजा में सडको में निकलकर लोगो ने जश्न मनाया वही लेबनान में भी बगावत नाकाम होने पे ज़गह ज़गह जश्न मनाया गया फिलिस्तीन में तुर्की के प्रेसिडेंट रेसेप तय्यिप एर्दोगान की लोकप्रियता काफी ज्यादा है
एर्दोगान के शासनकाल में गाजा को आर्थिक और दूसरी मदद पहुचाई जाती है साथ ही फिलिस्तीन के लियें समर्थन में एर्दोगान हमेशा खड़े रहते है लेकिन लेबनान में ख़ुशी का आलम होना लोकतंत्र के बचने की ख़ुशी है
तुर्की में सेना के एक धड़े द्वारा बगावत कर राष्ट्रपति रेसेप तय्यिप एर्दोगान को सत्ता से बेदखल करने की कोशिश की गयी थी जिसमे 300 लोगो की जाने गयी हलाकि सैनिक बगावत इस बार नाकाम हो गयी .
बगावत को असफल करने के बाद तुर्की में व्यापक फेरबदल कियें जा रहे है और हुकुमत पर सेना की पकड़ काफी कमजोर हो गयी है ये पहला मौका है जब सेना की बगावत कामयाब नही हो पायी है इससे पहले तीन बार तुर्की में लोकतान्त्रिक सरकारों को सेना ने हटाया है
विद्रोहियों की फांसी में नहीं होनी चाहिए देर – तुर्की राष्ट्रपति अर्दोग़ान
तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोग़ान ने तुर्की में तख्तापलट की नाकाम कोशिश करने वालें विद्रोहियों की फांसी की तुरंत मांग की हैं.
सैन्य विद्रोह के नाकाम होने के बाद राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने रविवार को इस्तांबूल में अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि सैन्य विद्रोह के विफल हो जाने के बाद विद्रोहियों को फांसी देने में देरी नहीं होनी चाहिए है. उन्होंने कहा कि इन आरोपियों को फांसी देने की जनता की मांग को अनदेखा नहीं किया जा सकता.
अर्दोग़ान ने अपने समर्थकों से अपील की है कि सैन्य विद्रोह और विद्रोहियों का विरोध करने के लिए वे शुक्रवार को बड़ी संख्या में सड़कों पर निकलें. गौरतलब रहें कि तुर्की में फिलहाल, फांसी की सज़ा पर पाबंदी है. वहां पर सन 1984 से किसी को फांसी नहीं दी गई.