नास्तिकता खतरे में है ।। Atheism is in danger ।।
नास्तिकता इस लिए भी खतरे में है के उनके पास और वो विज्ञान जिन पर उन्हें भरोसा है भूकंप जैसी नैसर्गिक आपत्ति को रोकना तो दूर उसका अनुमान लगाने में भी असफल सिद्ध होता चला आया है और होता रहेगा। वो निर्मिक जिस ने इस सारी सृष्टि को बनाया है वो बहोत शक्तिशाली है। उसका मुकाबला दुन्या की कोई ताक़त नहीं कर सकती।ये भूकंप तो उस सच्चे निर्मिक की केवल एक मामूली निशानी है। ऐसी कई निशानिया वो इंसानों की आँखे खोलने और सच्चाई को प्राप्त करने के लिए दिन रात दिखाता रहता है।बस देखने वाली दृष्टि या नज़र की ज़रूरत है। इस लिए उस एकमेव निर्मिक को माने बिना कोई दूसरा रास्ता है ही नहीं।
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